he man
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प्रियतम तुम क्या नाराज हुयी…..
सब स्वप्न सुनहरे टूट गये.
नयनो से आँसू रूठ गये.
सुख के साथी सब छूट गये.
प्रियतम तुम क्या नाराज हुयी…….
दिन बिन तेरे विरान. लगे.
रातें जॆसे शमशान. लगे.
कल तक जो मेरे थे अजीज,
बिन तेरे सब अन्जान लगे.
हर जू बस तू ही दिखायी दे,
हर वक्त तेरा ही ध्यान लगे.
प्रियतम तुम क्या नाराज हुयी…
कॆसे प्रिये तुम्हे मनाऊँ मॆं
कॆसे तुमको समझाऊँ मॆं
क्या हनुमान सा ह्रदय फाड.
अपने जज्बात दिखाऊँ मॆ.
अब मान हमारा भी रख लो.
सम्मान. हमारा भी रख लो.
हम भी लाखों मे एक प्रिये,
कुछ ध्यान हमारा भी रख लो..
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